Saturday, July 27, 2024
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KMV द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर मनाई महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

जालंधर: शहर के कन्या महा विद्यालय में महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में युगपुरुष स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों का प्रथम साकार रूप: कन्या महा विद्यालय विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चन्द्रमोहन, प्रधान, आर्य शिक्षा मंडल मुख्यातिथि के रूप में सहभागी हुए। प्रो. सुधीर कुमार, डीन स्कूल का संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज़, जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली मुख्य स्रोत वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। प्रोग्राम की अध्यक्षता आलोक सोंधी, जनरल सेक्रेटरी, के.एम.वी. मैनेजिंग कमेटी द्वारा की गई। इसके साथ ही इस अवसर पर के.एम.वी. मैनेजिंग कमेटी के कोषाध्यक्ष ध्रुव मित्तल एवं सदस्य सुशीला भगत ने विशेष अथिति के रूप में उपस्थित हुए।

इसके अलावा विद्यालय मैनेजिंग कमेटी के सदस्य डॉ. सतपाल गुप्ता एवं डॉ. कमल गुप्ता के साथ-साथ कुंदन लाल अग्रवाल एवं ज्योति सगी ने भी अपनी शिरकत के साथ प्रोग्राम की शोभा को बढ़ाया। वैदिक मंत्रोच्चार में ज्योति प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने सभी अतिथियों का अभिनंदन एवं स्वागत करते हुए उन्हें आर्य समाज और कन्या महा विद्यालय के सांझे सामाजिक संकल्पों तथा आदर्शों से परिचित करवाया। दयानंद सरस्वती जी के आदर्शों एवं प्रेरणाओं के प्रथम साकार रूप कन्या महा विद्यालय के संघर्ष ,राष्ट्र प्रेम एवं उसकी अद्यतन अकादमिक उपलब्धियों को उन्होंने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी के आदर्शवादी मार्ग पर चलते हुए 1886 के अपने स्थापना काल से लेकर निरंतर कन्या महा विद्यालय अपने स्वर्णिम अतीत एवं शानदार वर्तमान के साथ छात्राओं को देश प्रेम के भाव सिखाते हुए वैश्विक स्तरीय शिक्षा प्रदान कर उनका भविष्य उज्जवल करने में अग्रणी
योगदान डाल रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर के.एम.वी. द्वारा प्रकाशित नारी शिक्षा की प्रथम संस्था कन्या महा विद्यालय पर आर्य समाज के प्रभाव के पर आधारित पुस्तक महर्षि दयानंद सरस्वती के आदर्शों का प्रथम साकार रूप: कन्या महाविद्यालय का विमोचन भी सभी गणमान्य अतिथियों के द्वारा किया गया। प्रोग्राम के अंत में प्राचार्य जी ने इस सफल आयोजन के लिए डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. मधुमीत, डॉ. गुरजोत, डॉ. अनुशोभा एवं डॉ. रूपिका के साथ-साथ समूह आयोजक मंडल के द्वारा किए गए प्रयत्नों की सराहना की।

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