Saturday, July 27, 2024
Home एजुकेशन HMV में पूर्ण श्रद्धा से मनाया गया महर्षि दयानन्द जी का 200वां जन्मोत्सव

HMV में पूर्ण श्रद्धा से मनाया गया महर्षि दयानन्द जी का 200वां जन्मोत्सव

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

जालंधर: शहर के हंसराज महिला महाविद्यालय में प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती)अजय सरीन जी के कुशल दिशा-निर्देशन में महर्षि दयानन्द जी के 200वें जन्मोत्सव की श्रृंखला में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्या जी ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि का यह ‘जन्मोत्सव’ ‘ज्ञानोत्सव’ के रूप में मनाना चाहिए। महर्षि के मुख से निकला एक-एक वचन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत बड़ी सीख है। ऋषिवर का संपूर्ण साहित्य आज के युग में एक दिशा दिखाने वाला है।

विद्यार्थी चाहे किसी भी संकाय से संबंधित क्यों न हो उन्हें उनके जीवन से स्व से पर कि भावना और नि:स्वार्थ कर्म की शिक्षा लेनी चाहिए और प्रत्येक विद्यार्थी को अधिक न सही ‘व्यवहारभानु’ अवश्य पढऩी चाहिए, साथ ही उन्होंने इन आयोजनों हेतु प्रयास के लिए वैदिक अध्ययन समिति, आर्या-युवति सभा, संस्कृत एवम् हिन्दी विभाग की सराहना की और महर्षि जैसे महान व्यक्तित्व के विषय में सप्ताह में एक बार अपनी कक्षाओं के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि हमारे यह छोटे-छोटे प्रयास ही युवाओं को संस्कार सेवा, कर्मनिष्ठ होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवम्तृ तीय स्थान पर आने वाली छात्राओं की सराहना की और भविष्य में भी बढ़-चढ़ कर ऐसी प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने संतूर इन्टरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. ज्योति खन्ना को उनके व्ययन के लिए धन्यवाद दिया। लगभग 40 विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने महर्षि दयानन्द जी के सुविचार, शिक्षाओं से संबंधित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया तथा दीपिका पहले, पूजा दूसरे, सुनयना तीसरे स्थान पर रही। संस्कृत एवम् हिन्दी विभाग द्वारा प्रत्येक दिन व्यवहारभानु पर विद्यार्थियों के साथ चर्चा की गई।

इसी शृंखला में महर्षि दयानन्द जी का समाज को योगदान, महर्षि दयानन्द जी की शिक्षाओं का आधुनिक युग में महत्त्व, महातपस्वी दयानन्द जी, महर्षि दयानन्द जी की जीवन-गाथा आदि विषयों पर भाषण प्रतियोगिता करवाई गई, जिसमें लगभग 20 छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में आंचल, जाह्नवी, मुस्कान क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तीसरे स्थान पर रही और अदिति एवं रश्मि को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें संतूर इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ.ज्योति मुख्य वक्ता के रूप में पधारी।

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि की जिज्ञासा ने ही बालक ‘मूलशंकर’ को ‘महर्षि दयानन्द’ बना दिया। अपने अंदर प्रत्येक वस्तु को जानने-समझने की जिज्ञासा रखें और सदा सत्य की राह पर डटे रहें अपने संस्कारों और नियमों को जीवन में सदा स्मरण रखें। संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने महर्षि दयानन्द जी के जीवन के प्रेरणादायी विचार सभी के साथ सांझे किए। मंच संचालन डॉ. ज्योति गोगिया ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डीन वैदिक अध्ययन समिति डॉ. ममता ने किया। इस अवसर पर आर्या-युवति सभा की सचिव, सहायक सचिव एवम् छात्राएं तथा हिन्दी विभाग से पवन कुमारी व डॉ. दीप्ति धीर भी उपस्थित रहीं।

You may also like

Leave a Comment