Saturday, November 23, 2024
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APJ कॉलेज में चल रहे NSS कैंप के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने किया योगाभ्यास

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

सीखे पर्यावरण को सुरक्षित रखने के तरीके

जालंधर के एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में एनएसएस कैंप के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने जहां एक तरफ स्वस्थ रहने के लिए योग के महत्त्व को समझा। वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण के संरक्षण के लिए ‘मिलेट्स फॉर हेल्थ एंड न्यूट्रीशन’ एवं ‘डिजाइनिंग ए बेटर फ्यूचर’ विषय पर स्रोत वक्ताओं के विचार भी सुने। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने एनएसएस द्वारा आयोजित “संस्पंदन” कैंप के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एनएसएस के सात दिवसीय कैंप के अवसर पर हमारा यह संकल्प है कि हम एनएसएस वॉलिंटियर्स को स्वस्थ जीवन जीने एवं पर्यावरण के संरक्षण के प्रत्येक पहलू से अवगत कराएंगे ताकि वह स्वयं इन में दक्ष होकर दूसरों को भी स्वस्थ रहने एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रेरित कर सके।

बीएड कॉलेज दयालपुर के प्रिंसिपल पिछले 30 सालों से निरंतर योग को समर्पित डॉ. विनोद कुमार ने विद्यार्थियों को योगाभ्यास करवाते हुए शारीरिक एवं मानसिक संतुलन के लिए प्राणायाम एवं शरीर के लिए लचीलेपन के लिए एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी और कहा कि अगर आप एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं तो योग के मदद से आप तनाव रहित एवं स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। होम साइंस विभाग की अध्यक्ष डॉ मोनिका आनंद ने “मिलेट्स फॉर हेल्थ एंड न्यूट्रिशन” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि मिलेट्स न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर है बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं मिलेट्स की फसल कम पानी, कम फर्टिलाइजर और कम केमिकल से ही बहुत अच्छी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि यूनाइटेड नेशन ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स घोषित किया था। डिजाइन एवं (टैक्सटाइल)विभाग से डॉ गगन गंभीर ने ‘डिजाइनिंग ए बेटर फ्यूचर’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक कैरी बैग्स जिसे हम सुविधा के लिए प्रयोग करते हैं वह पर्यावरण को तो प्रदूषित तो करते ही है साथ ही साथ वह जानवरों की जिंदगी पर भी एक बड़ा प्रश्न चिह्र खड़ा करता है। प्लास्टिक के लिफाफे नदियों और समुद्र के पानी को भी प्रदूषित करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि 2005 में मुंबई में बाढ़ की आने का कारण भी प्लास्टिक की वजह से ब्लाकेज़ ही था।

उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एपीजे कॉलेज के डिजाइन विभाग ने स्मार्ट बैग तैयार किए थे जिससे कि सभी को उन बैग्स के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित एवं प्रेरित किया जा सके ताकि वह प्लास्टिक के प्रयोग को कम कर सके। एनएसएस विंग की छात्राओं क्रीटीना, वंशिका एवं प्रज्ञा ने श्रेष्ठ मंचसंचालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने दूसरे दिन कैंप की सफलता के लिए एनएसएस कैंप की डीन डॉ सिम्की देव के प्रयासों की सराहना की।

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