Saturday, November 23, 2024
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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्म ने नई दिल्ली में प्रदान किए स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (नई दिल्ली/ देश)

नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बीते कल नई दिल्ली में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण, स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने “स्वच्छता से संपन्नता” के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की। राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वच्छता अभियान महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर उत्पन्न कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के तहत अग्रिम मोर्चे के सैनिक रहे हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सफाई मित्रों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मशीनीकृत सफाई के माध्यम से मैनहोल को समाप्त करके और मशीन-होल के माध्यम से स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी सही पहचान बना पाएंगे।

इस अवसर पर उन्होंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत अपशिष्ट प्रबंधन में पुनर्चक्रण (फिर से उपयोग के योग्य बनाने ) पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चक्रीय अर्थव्यवस्था की अधिक से अधिक वस्तुओं के पुनर्चक्रण और उनके फिर से उपयोग के तरीके टिकाऊ विकास के लिए सहायक हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसी प्रणाली अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में भी बहुत उपयोगी होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर हम अपशिष्ट से मूल्य की अवधारणा पर गहराई से विचार करें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सब कुछ मूल्यवान है, कुछ भी अपशिष्ट नहीं है। हरित अपशिष्ट से बायोगैस बनाने और अवशिष्ट व्युत्पन्न ईंधन से बिजली बनाने के पीछे यही समग्र व प्रगतिशील सोच काम करती है।

उन्होंने कहा कि हमारी लगभग एक-तिहाई जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है। शहरों और कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य व विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि शहरी भूमि का एक बड़ा हिस्सा कूड़े के पहाड़ों के नीचे दबा हुआ है। उन्होंने कहा कि कूड़े के ऐसे पहाड़ शहरी लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर युवा पीढ़ी सभी शहरों और पूरे देश को स्वच्छ रखने का संकल्प लेते हैं, तो साल 2047 का भारत निश्चित ही विश्व के सबसे स्वच्छ देशों में शामिल होकर अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का उत्सव मनाएगा। राष्ट्रपति ने देश के सभी युवाओं से भारत को विश्व का सबसे स्वच्छ देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का अनुरोध किया।

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