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जालंधर: शहर के डीएवी कॉलेज ने डीबीटी स्टार कॉलेज योजना के तत्वावधान में अकादमिक लेखन कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित एक संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया। कॉलेज के अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य संकाय सदस्यों को शोध पत्र लेखन, परियोजना प्रस्ताव विकास और शोध परियोजनाओं की उन्नत तकनीकों से लैस करना था। एफडीपी के रिसोर्स पर्सन जीएनडीयू अमृतसर के सीनेट सदस्य व विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी डॉ. पी.के. पती थे। डॉ. पती के सत्र में उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र तैयार करने और आकर्षक परियोजना प्रस्ताव विकसित करने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की गई। उन्होंने अकादमिक परियोजनाओं के लिए अनुदान की पेचीदगियों के बारे में भी बहुमूल्य जानकारी दी, जो अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक कौशल है।
कॉलेज परिसर में वरिष्ठ उप प्राचार्य प्रो. अर्चना ओबेरॉय, उप प्राचार्य डॉ. एसके तुली और रजिस्ट्रार डॉ. कुंवर राजीव, डीन रिसर्च डॉ. आशु बहल और डीबीटी समन्वयक प्रो. पुनीत पुरी ने डॉ. पति का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रो. अर्चना ओबेरॉय ने मुख्य अतिथि का औपचारिक स्वागत किया। इसके बाद प्रो. पुनीत पुरी ने औपचारिक रूप से डॉ. पी.के. पती का श्रोताओं से परिचय कराया। अपने ज्ञानवर्धक और संवेदनशील भाषण के दौरान डॉ. पती ने संस्थान के शोध प्रोफाइल को बढ़ाने में अकादमिक लेखन के महत्व और संकाय क्षमताओं को मजबूत करने में ऐसे कार्यक्रमों की भूमिका पर जोर दिया।
वहीं डॉ. पती द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव सत्र में न केवल अकादमिक लेखन के मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया गया, बल्कि प्रतिभागियों को वक्ता के विशाल अनुभव और अभिनव विचारों से सीखने का भी लाभ मिला। डीन, रिसर्च डॉ. आशु बहल ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और कॉलेज में शोध उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में एफडीपी की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रंजीता गुगलानी ने किया।