Wednesday, November 13, 2024
Home जालंधर कमर्शियल संस्थान ग्राउंडवाटर निकासी के लिए आवश्यक मंजूरी लेना सुनिश्चित बनाएं: ADC

कमर्शियल संस्थान ग्राउंडवाटर निकासी के लिए आवश्यक मंजूरी लेना सुनिश्चित बनाएं: ADC

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट

जालंधर: जालंधर में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) जसबीर सिंह की अध्यक्षता में जिला प्रशासकीय परिसर में जल नियंत्रण एवं विकास पर जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला जालंधर में लगातार गिर रहे ग्राउंडवाटर को लेकर ”पंजाब भू-जल निकास एवं संभाल निर्देश 2023” पर चर्चा की गई। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने विभाग के तहत ज़मीनी पानी का उपयोग करने वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को “पंजाब जल नियंत्रण और विकास प्राधिकरण” (पीडब्ल्यूआरडीए, पंजाब) से भूजल निकासी के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त करना सुनिश्चित करें।

वहीं शहरी विकास के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह, भूजल के व्यावसायिक उपयोग के लिए, पानी के व्यावसायिक परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले निजी पानी के टैंकरों (500 लीटर से अधिक की क्षमता वाले) के मालिकों और भूजल की निकासी के लिए बोर के मालिक संचालित ड्रिलिंग रिग मशीनों के मालिकों से अपील की कि वह “पंजाब जल नियंत्रण और विकास प्राधिकरण” द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और निर्धारित समय सीमा के अनुसार आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करें ताकि अनावश्यक जुर्माने और गैर-अनुपालन शुल्क से बचा जा सके।

एडीसी ने कहा कि यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि “पंजाब भूजल जल निकासी और संरक्षण निर्देश 2023” 1 फरवरी 2023 से लागू हो गया है और जिन भूजल उपयोगकर्ताओं को नीति के अनुसार छूट नहीं दी गई है, उन पर भूजल निकासी के लिए खर्च/शुल्क 1 फरवरी 2023 से लागू होंगे। इस संबंध में अनुमति प्राप्त करने के लिए पंजाब जल नियंत्रण एवं विकास प्राधिकरण पंजाब की ऑनलाइन साइट https://pwrda.punjab.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए पंजाब जल नियंत्रण और विकास प्राधिकरण के मुख्य दफ्तर एससीओ से 149-152, तीसरी मंजिल, सेक्टर 17-सी चंडीगढ़ पर संपर्क किया जा सकता है।

इस नीति के तहत पीने और घरेलू उपयोग, कृषि, धार्मिक स्थलों, सरकारी जल आपूर्ति योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी को अनुमति लेने से छूट दी गई है। इसके अलावा जिन उपयोगकर्ताओं की भूजल खपत प्रति माह 300 घन मीटर से कम है, उन्हें भी छूट दी गई है। बैठक में दविंदर सिंह कार्यकारी इंजीनियर बिस्त दोआब नहर और भूजल डिवीजन, जालंधर बतौर सदस्य सचिव के अलावा जिला विकास और पंचायत अधिकारी, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निकासी और खनन विभाग, जिला जल और मृदा संरक्षण विभाग, नगर निगम, नगर परिषद एवं पंचायती राज पदाधिकारी शामिल थे।

You may also like

Leave a Comment