संस्कृति और ज्ञान की गहराई का किया अन्वेषण
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट
जालंधर: शहर के कन्या महाविद्यालय में भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें सुधीर कुमार आर्य, प्रोफ़ेसर, संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा के अनेक उज्ज्वल और अनुकरणीय पक्षों विनम्रता, शालीनता, सहिष्णुता, आत्मरक्षा, समर्पण, सेवा, त्याग, तप और साधना पर अपने प्रेरक विचारों से श्रोताओं को अभिभूत किया। विद्यालय प्राचार्या प्रो. डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने आदरणीय स्रोत वक्ता का अभिनंदन किया और विद्यालय की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
उन्होंने कहा कि कन्या महा विद्यालय एक समृद्ध विरासत को समेटे हुए है और आज का यह व्याख्यान भी इसी श्रृंखला के तहत आयोजित
किया जा रहा है। राष्ट्र वंदना, ज्योति प्रज्ज्वलन और मंगलाचरण की संगीतमय प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्रो. सुधीर आर्य ने अपने व्याख्यान में कहा कि भारतीय संस्कृति परस्पर प्रेम और सौहार्द, व्यष्टि और समष्टि के समन्वय ज्ञान और अध्यात्म के सामंजस्य, पारिवारिक सौख्य और सहयोग की, कठिन तप और साधना के साथ साथ राष्ट्र और समाज के कल्याण की भावना से ओत- प्रोत संस्कृति है।
उन्होंने छात्राओं को भारतीय सभ्यता और संस्कृति के मूल्यों को समझने और उसे जीवन और व्यवहार में अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद, यज्ञ प्रकृति के साथ मनुष्य के संबंधों को समझने का विज्ञान है। उन्होंने पंजाब की सभ्यता, संस्कृति को भारतीय ज्ञान परंपरा का सजीव और मूर्त रूप बताते हुए इसकी सराहना की। विद्यालय की सभी स्ट्रीम्स की छात्राओं और प्राध्यापकों ने इस व्याख्यान को सुना और इससे लाभान्वित हुए। मैडम प्रिंसिपल ने इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए पूरे आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की।