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जालंधर: शहर के डीएवी कॉलेज द्वारा नाटक की परदादी नोरा रिचर्ड्स की जयंती के अवसर पर प्रसिद्ध नाटककार एवं रंगकर्मी डॉ. सतीश कुमार वर्मा का विशेष भाषण और डॉ. सोमपाल हीरा का नाटक मंचन करवाया गया। इस मौके पर वरिष्ठ उप प्राचार्य डॉ. शिव कुमार तुली, उप प्राचार्य डॉ. कुंवर राजीव, रजिस्ट्रार प्रो. सोनिका दानिया और पूरे पंजाबी विभाग ने उनका भव्य स्वागत किया। पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार खुराना ने मुख्य वक्ता डॉ. शतीश कुमार वर्मा और नाटककार सोमपाल हीरा का स्वागत करते हुए कहा कि नाटककार सतीश कुमार बहु-दिशात्मक और बहुमुखी नाट्य प्रतिभा के स्वामी हैं।
नाटक के क्षेत्र में उनके रचनात्मक कार्यों में थिएटर, रेडियो, टीवी और सिनेमा की समीक्षा, शोध संपादन आदि शामिल हैं। वहीं, लेखक और अभिनेता सोमपाल हीरा ने पंजाबी नॉट-वर्ल्ड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वरिष्ठ उप-प्राचार्य डॉ. तुली ने पंजाबी विभाग के ऐसे प्रयासों की सराहना की और कहा कि रचनात्मक समाज के निर्माण में साहित्य और रंगमंच की बड़ी भूमिका है। विद्यार्थियों के लिए ऐसे प्रयास जारी रहने चाहिए। इसके अलावा बीए के छात्र प्रभदीप की पुस्तक “कुझ पल”, (काव्य संग्रह) का विमोचन किया गया और पंजाबी साहित्य सभा के अध्यक्ष लवप्रीत सिंह ने पुस्तक पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
उसके बाद मुख्य वक्ता डॉ. सतीश कुमार वर्मा ने नाटक की परदादी नोरा रिचर्ड्स के बारे में बात करते हुए आधुनिक पंजाबी नाटक के बीज से लेकर बिरख तक नोरा रिचर्ड्स के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बहुत विस्तृत जानकारी साझा की और उन्होंने इस पर जोर दिया वह जीवन रंगमंच साहित्य की मजबूत नींव के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता। इसके बाद सोमपाल हीरा के नाटक “भाषा वहिंदा दरिया” का मंचन किया गया।
मंच का संचालन डॉ. गुरजीत कौर ने किया। प्रो सुखदेव रंधावा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. दविंदरपाल मंड, प्रो. कंवलजीत सिंह, प्रो. मंजीत सिंह, प्रो. किरणदीप कौर, प्रो. साहिब सिंह, प्रो. साहिल, प्रो. प्रवीण लता, प्रो. गुरलाल सिंह, प्रो. संदीपना, डॉ. दीपाली, प्रो. एकजोत, प्रो. राजवंत, डॉ. सुरेश खुराना जी, प्रो. सुरुचि, डॉ. ऋचा, डॉ. विनोद आदि उपस्थित थे।