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जालंधर: शहर के कन्या महाविद्यालय (ऑटोनोमस) हमेशा अध्यापकों और छात्राओं दोनों के गुणवत्ता अनुसंधान के माध्यम से बौद्धिक आधार विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इस संदर्भ में रिसर्च डेवलपमेंट सेंटर ने आईक्यूएसी के सहयोग से “रिसर्च प्रोजेक्ट फॉर्मुलेशन” पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। डॉ. सुधीर कुमार, डीन, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली रिसोर्स पर्सन थे। डॉ. सुधीर ने अपने संबोधन के दौरान प्रभावी परियोजना निर्माण में शामिल चरणों की एक श्रृंखला पर प्रकाश डाला।
उन्होंने व्यवस्थित योजना और शोध के विषय के सावधानीपूर्वक चयन पर जोर दिया। इस आशय से उन्होंने परियोजना निर्माण में ज्ञान, कौशल, उपकरण और तकनीकों के अनुप्रयोग के बारे में बात की। उन्होंने इसके निर्माण, संकल्पना, योजना और निष्पादन चरण सहित महत्वपूर्ण परियोजना विशेषताओं पर भी चर्चा की। डॉ. सुधीर ने नए युग के नवोन्मेषी, मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम और कार्यक्रम विकसित करके उत्कृष्टता की दिशा में शैक्षिक मानकों को ऊपर उठाने के लिए केएमवी की पहल की भी सराहना की। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने अध्यापकों को विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए रिसोर्स पर्सन का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से अध्यापकों को शोध के बारे में अपनी समझ विकसित करने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने विषयों में शोध करने के लिए प्रेरणा भी मिलेगी। मैडम प्रिंसिपल ने संस्थान में चल रहे अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए रिसर्च डेवलपमेंट सेंटर और आईक्यूएसी के प्रयासों की सराहना की।