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जालंधर: शहर के डीएवी कॉलेज ने पंजाब वन विभाग और हरियावल पंजाब की साझेदारी से मियावाकी वन की स्थापना की। यह पहल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण का हिस्सा है। इसकी योजना और क्रियान्वयन कश्यप जैविक सोसायटी के तत्वावधान में किया गया था। प्रसिद्ध जापानी वनस्पतिशास्त्री डॉ. अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित मियावाकी तकनीक वनीकरण के लिए एक अत्याधुनिक दृष्टिकोण है जिसमें देशी प्रजातियों के घने समूह लगाना शामिल है। डीएवी कॉलेज में मियावाकी वन परियोजना शहरी प्रदूषण और जलवायु चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण है।
इस औपचारिक वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. कोमल अरोड़ा, विभाग के संकाय सदस्यों और एनजीओ हरियावल पंजाब सोसाइटी के पुनीत खन्ना की उपस्थिति में किया गया। इस पर्यावरण अनुकूल पहल की शुरुआत के प्रतीक के रूप में 500 से अधिक देशी पेड़-पौधे लगाए गए। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि यह मियावाकी जंगल पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए हमारे कॉलेज की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हमारा मानना है कि यह पहल हमारे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और भावी पीढ़ियों की भलाई के लिए इसी तरह की कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करेगी। डीएवी कॉलेज और पंजाब वन विभाग के बीच यह सहयोगात्मक प्रयास संरक्षण-संचालित परियोजनाओं के बढ़ते महत्व का प्रमाण है।