Sunday, September 29, 2024
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मेहरचंद पॉलिटेक्निक को देश-विदेश से मिलने वाली बधाइयों का सिलसिला जारी

by News 360 Broadcast

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

जालंधर: शहर के मेहरचंद पॉलिटेक्निक कॉलेज को एनबीए मान्यता प्राप्त करने और आगामी प्लेटिनम जुबली समारोह के लिए बधाई देने का सिलसिला जारी है। प्राचार्य डाॅ. जगरूप सिंह जी ने कहा कि उन्हें देश-विदेश से बधाई संदेश मिल रहे हैं। इसा बात को लेकर पुराने छात्रों में खासा उत्साह है।

प्लेटिनम जुबली के दौरान 70 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। इसके चयन के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है ताकि विदेशों में रहने वाले उन पूर्व छात्र सदस्यों को सम्मानित किया जा सके, जिनकी उपलब्धियों ने इस कॉलेज को गौरवान्वित किया है और जो मेहरचंद पॉलिटेक्निक के ब्रांड एंबेसडर के रूप में समाज की सेवा कर रहे हैं। इसी श्रृंखला में प्रस्तुत हैं कॉलेज के कुछ होनहार नगीने।

कुलभूषण चोपड़ा:- बेहद नरम स्वभाव वाले कुलभूषण चोपड़ा इस विद्या के मंदिर मेहर चंद पॉलिटेक्निक को अपने जीवन की सफलता का बड़ा स्त्रोत मानते हैं। यहां पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली में टेल्को सेल्स में नौकरी की। यहीं से भविष्य के रास्ते खुलते गए। उन्होंने अमेरिका में कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में मास्टर्स किया और अमेरिका में एक सफल उद्यमी और व्यवसायी बन गए। उन्होंने कई जरूरतमंद कॉलेज स्टूडेंट्स की मदद की है और उन्हें हर सेमेस्टर में वह छात्रवृत्ति दे रहे हैं।

सुदर्शन लाल शर्मा:सुदर्शन जी ने 1965 में मेहरचंद पॉलिटेक्निक से सिविल का डिप्लोमा किया। जिन्हें एक उत्कृष्ट क्रिकेटर होने के लिए कॉलेज का कलर भी मिला। उन्होंने 1967 से 1975 तक एमईएस में काम किया और एएमआईई भी पास किया और बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बने। उन्होंने 2003 तक बीएसएफ में तकनीकी इंजीनियर के रूप में काम किया और कमांडेंट (वर्क्स) के पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर उत्कृष्ट कार्य सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।

अजीत गोस्वामी:1961 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा करने वाले अजीत गोस्वामी हमारे कॉलेज का नायब हीरा हैं।
जिनका जन्म 1940 में लाहौर में हुआ था। उनके पिता लाला चंचल दास जी मेहर चंद पॉलिटेक्निक कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य थे। शिक्षा की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए उन्होंने औद्योगिक प्रणालियों में उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारतीय रेलवे और डीआरडीओ में काम किया और अंततः भारतीय आयुध फैक्टरी सेवाओं में अतिरिक्त जीएम के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वह एक सलाहकार, प्रेरक वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सात पुस्तकें भी लिखीं। उनकी उम्र 84 साल से ज्यादा है और वह आज भी कॉलेज से जुड़े हुए हैं और कैंपस में आकर छात्रों को संबोधित करते हैं।

संदीप गुप्ता:- संदीप गुप्ता ने 1986 में मेहरचंद पॉलिटेक्निक से सिविल डिप्लोमा पूरा किया और दिल्ली में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में शामिल हो गए। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद उन्होंने अपनी खुद की फर्म बनाई और एक ठेकेदार के रूप में एक सफल उद्यमी बन गए। इसके बाद एस.एस बिल्डटेक वेंचर्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में निदेशक के रूप में काम करना शुरू किया और अभी भी कार्यरत हैं। जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए वह हमेशा तैयार रहते हैं। कॉलेज से उन्हें बहुत लगाव है।

सुरिंदरजीत सिंह:- सुरिंदरजीत ने 1995 में मेहरचंद पॉलिटेक्निक से इलेक्ट्रॉनिक्स का डिप्लोमा किया और 1996 में अरिहंत स्पिनिंग मिल मालेरकोटल में इंजीनियर बन गए। 13 वर्ष अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सुरिंदरजीत मिस्र में इंडोरामा ग्रुप में शामिल हो गए। फिर इसी ग्रुप के जरिए वे मिस्र से श्रीलंका चले गए। आज वह रिलायंस स्पिनिंग मिल नेपाल में उपाध्यक्ष के रूप में सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। उनके द्वारा लिखे गए लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। मेहरचंद पॉलिटेक्निक का हाल जानने के लिए वे हर हफ्ते कॉलेज में फ़ोन करते हैं।

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