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जालंधर: पंजाबी साहित्य सभा, डी.ए.वी. कॉलेज ने साहित्यिक समागम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पंजाबी भाषा और साहित्य के प्रति उत्साही बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। प्रिंसिपल डॉ. राजेश कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह नए छात्रों के लिए अपनी साहित्यिक रुचियों को तलाशने का एक बहुमूल्य अवसर है। उन्होंने समकालीन युग में पंजाबी भाषा के संरक्षण के लिए ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। डॉ. अशोक कुमार खुराना, अध्यक्ष, पंजाबी विभाग ने अपने परिचयात्मक भाषण में विभाग के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डाला।
पंजाबी के स्नातकोत्तर विभाग के संकाय सदस्यों प्रो. देविंदरपाल मंड, प्रो. सुखदेव रंधावा, प्रो. किरणदीप कौर और प्रो. साहिब सिंह ने छात्रों के साथ प्रमुख पंजाबी लेखकों और विद्वानों के बारे में जानकारी साझा की। चर्चा में पंजाबी भाषा में करियर के अवसरों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सांस्कृतिक स्पर्श जोड़ते हुए प्रो. गुरलाल सिंह ने मातृभाषा को समर्पित एक पंजाबी गीत के भावपूर्ण गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं एम.ए. पंजाबी की छात्रा लवप्रीत ने एक मार्मिक कविता से उपस्थित लोगों को प्रभावित किया। कार्यक्रम का समापन कॉलेज लाइब्रेरी के दौरे के साथ हुआ, जहाँ छात्रों को पंजाबी साहित्य के खजाने से परिचित कराया गया। पंजाबी साहित्य सभा की प्रभारी डॉ. गुरजीत कौर ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रो. साहिल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। स्टाफ सेक्रेटरी डॉ. दिनेश अरोड़ा और संकाय सदस्य प्रो. कंवलजीत सिंह, प्रो. मंजीत सिंह और प्रो. प्रवीण कौर उपस्थित रहे।