
त्रिपुरा में तूफानों के मद्देनजर बिजली लाइनें स्थापित होंगी
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (नेशनल न्यूज़ ): Power lines to be set up in Tripura in view of storms : त्रिपुरा में बिजली क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति की गुणवत्ता, दक्षता और सहनीयता को बेहतर बनाने के लिए, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज 220 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए।त्रिपुरा में तूफानों के मद्देनजर बिजली लाइनें स्थापित होंगी। त्रिपुरा में गैस संचालित टरबाइन प्रणाली स्थापित की जाएगी।
त्रिपुरा विद्युत वितरण सुदृढ़ीकरण और उत्पादन दक्षता सुधार परियोजना के लिए हस्ताक्षरकर्ता श्री रजत कुमार मिश्रा, वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव हैं, जिन्होंने भारत सरकार की ओर से हस्ताक्षर किए, जबकि एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रभारी अधिकारी श्री हो यून जियोंग ने हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना अकुशल बिजली संयंत्रों के प्रतिस्थापन, वितरण नेटवर्क को मजबूत करने और स्मार्ट मीटर की स्थापना के माध्यम से राज्य के बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के त्रिपुरा सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगी एवं उत्पादन क्षमता बढ़ाने, वितरण घाटे को कम करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगी।
श्री जियोंग ने कहा, “परियोजना, एक अत्यधिक कुशल संयुक्त चक्र गैस टरबाइन के साथ रोखिया बिजली संयंत्र के प्रतिस्थापन कार्य को वित्त पोषित करेगी, जो ईंधन की बचत के माध्यम से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगी, राज्य के बिजली वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण करेगी और परियोजना निष्पादन एजेंसियों की संस्थागत क्षमता और समग्र व्यावसायिक प्रक्रिया का निर्माण करेगी।“
यह लैंगिक और सामाजिक रूप से समावेशी कार्यस्थल तौर-तरीकों के पायलट परीक्षण के माध्यम से लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगी। यह परियोजना त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कम से कम 15 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का समर्थन करेगी, जिसका लक्ष्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण करना है। इसमें कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल होंगे।
एक विश्वसनीय बिजली आपूर्ति से सामाजिक और आर्थिक लाभ होंगे तथा स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सामाजिक सेवाओं की स्थिति में सुधार होगा।
परियोजना के घटकों को भारी बारिश, बिजली गिरने और तेज़ हवा की गति वाले तूफानों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र को संभावित जलवायु परिवर्तन जोखिमों के प्रति सहनीय बने रहने में मदद मिल सके। परियोजना कार्यान्वयन के दौरान सड़को के कटाव को कम करने और सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि या सुरंग विधि द्वारा वितरण भूमिगत केबल बिछाए जायेंगे।