
DAV कॉलेज में ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित
NEWS360BROADCAST
जालंधर:Online Faculty Development Program organized in DAV College:जालंधर के डीएवी कॉलेज और रामानुजन कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में एक सप्ताह का ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के कुशल मार्गदर्शन में कॉलेज के आईक्यूएसी एवं रिसर्च सेल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। प्राचार्य ने पाठ्यक्रम के सफल समापन पर आयोजक टीम और प्रतिभागियों को बधाई दी। कार्यक्रम में कॉलेज के 35 संकाय सदस्यों ने भाग लिया।
इस व्यापक कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षण और सीखने के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षकों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना था। पहले दिन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय शिक्षा परियोजना प्रबंधन और प्रशासन संस्थान (एनआईईपीए) के आईसीटी और परियोजना प्रबंधन इकाई के प्रमुख प्रो. के. श्रीनिवास ने “मिश्रित शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों की दक्षताओं का निर्माण: एक कदम दर कदम दृष्टिकोण” विषय पर व्याख्यान दिया। दूसरे दिन को “बहुभाषी और बहुविषयक शिक्षा” शीर्षक पर व्याख्यान में डॉ. मजहर आसिफ, प्रोफेसर और डीन, स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और सदस्य, एनईपी ड्राफ्टिंग समिति ने इंडो आर्यन ग्रुप ऑफ लैंग्वेजेज के बारे में चर्चा की।
तीसरे दिन दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय, एफएमएस के डीन प्रो विवेक सुनेजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर अपने ज्ञानवर्धक प्रवचन से प्रतिभागियों को सम्मानित किया। चौथे दिन श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में एसो प्रो डॉ. श्रुतिमाथुर ने “मिश्रित शिक्षण वातावरण में शिक्षकों की भूमिका” पर और “शिक्षा में मिश्रित शिक्षण संरचना” पर दो व्याख्यान दिए। पांचवें दिन डॉ. आलोक कुमार चक्रवाल, प्रोफेसर, वाणिज्य और व्यवसाय प्रशासन विभाग, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट, गुजरात ने “उच्च शिक्षा में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) योजना, यूजीसी विनियमन” विषय पर चर्चा की।
छठे दिन प्रो चंद्र भूषण शर्मा, स्कूल ऑफ एजुकेशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने “स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा के संदर्भ में एनईपी 2020 ” पर अपना व्याख्यान दिया था। उन्होंने बताया कि एनईपी स्कूली शिक्षा प्रणाली में बड़े संरचनात्मक बदलाब (5+3+3+4) का सुझाव देता है। प्रोफेसर सी.बी. शर्मा एनईपी मसौदा समिति (2015-2020) का हिस्सा थे और इसके कार्यान्वयन में भी प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। समापन दिवस पर पूरे पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों के सीखने और ज्ञान अर्जन का आकलन करने के लिए एक प्रश्नोत्तरी और समग्र पाठ्यक्रम अनुभव का आकलन करने के लिए एक फीडबैक फॉर्म भरने की गतिविधियाँ हुईं।