
LPU के चांसलर डॉ अशोक कुमार मित्तल को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (एजुकेशन न्यूज़ ,जालंधर ): LPU Chancellor Dr Ashok Kumar Mittal invited to address faculty, staff and students at Oxford University :लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के चांसलर डॉ अशोक कुमार मित्तल को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी, स्टाफ और छात्रों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया, जिसके प्रति डॉ मित्तल का संबोधन यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड टाउन हॉल में हुआ। उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए, डॉ मित्तल ने कहा 2030 तक विश्वविद्यालय बदल जाएंगे (विल यूनिवर्सिटीज बी डिसरपटेड बाय 2030) विषय पर बात की। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सभा को संबोधित करना न केवल डॉ मित्तल के लिए बल्कि भारत के लिए भी महत्वपूर्ण पलों में से एक है क्योंकि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपने विद्यार्थियों और कर्मचारियों को दुनिया के प्रतिष्ठित दूरदर्शी लोगों द्वारा संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने का एक विशेष इतिहास है। भारतीय मूल के ऋषि सुनक जी के यूके की प्रधान मंत्री सीट पर पदासीन होने के कुछ समय बाद ही अब डॉ. मित्तल यूके में विश्व के टॉप ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आमंत्रित दूरदर्शी लोगों में अपना नाम जोड़ने वाले एक अन्य भारतीय बन गए हैं। विषय अनुसार डॉ मित्तल ने साझा किया, “दस-हजार वर्षों में भी शिक्षा में कोई बदलाव नहीं आया है। यह अभी भी विद्यार्थियों के सामने बोलने वाले शिक्षक ; नोट्स लेने वाले विद्यार्थियों; और, फिर उस पर परीक्षा के बारे में ही है। हालांकि अब माध्यम व्यक्तिगत से ऑनलाइन में बदल गया है, फिर भी मूल बातें वही रहती हैं। समय की आवश्यकता है कि शिक्षा को न केवल माध्यम के रूप में बल्कि इसे कैसे दिया जाए- इसके संदर्भ में भी इसे बदला जाए। शिक्षा को व्यापक बनाने की जरूरत है: क्योंकि कई स्किल्स स्कूल की तुलना में वर्किंग से बेहतर तरीके से सीखे जाते हैं। शिक्षा को सरल बनाने की जरूरत है: क्योंकि बच्चे ऑनलाइन गेम खेलने में अधिकतम समय बिताते हैं। उपस्थित लोगों से इस बारे में पूछते हुए, डॉ मित्तल ने आगे कहा: “क्या हम शिक्षा को “;एंग्री बर्ड्स” की तरह मज़ेदार बना सकते हैं? असल में, शिक्षा को और अधिक मनोरंजक बनाने की आवश्यकता है: क्योंकि आज हम इतिहास की किताबों की तुलना में “नेटफ्लिक्स” पर प्रसारित “द क्राउन” से ब्रिटिश इतिहास के बारे में अधिक जानते हैं। हम शिक्षा के “माइस्पेस” में हैं। अब शिक्षा का अपना फेसबुक होगा। परन्तु , पता नहीं क्या यह ऑक्सफोर्ड से आएगा या भारत से?” भारत के सबसे बड़े निजी विश्वविद्यालय के संस्थापक, डॉ अशोक कुमार मित्तल वर्तमान में भारत के संसद सदस्य (राज्यसभा) और विदेश मामलों की संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। दस दिवसीय दौरे पर होने के कारण, डॉ मित्तल अल्स्टर विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए आयरलैंड भी गए । वह हाउस ऑफ लॉर्ड्स को भी सम्बोधित करेंगे और लंदन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एलसीसीआई) में यूके के व्यापारिक घरानों से मुलाकात भी करेंगे। गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड एक अनूठी और ऐतिहासिक संस्था है। अंग्रेजी भाषी दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के रूप में, यह नौ सदियों के निरंतर अस्तित्व का दावा कर सकता है। प्रतिभाशाली पुरुषों और महिलाओं ने यहां पढ़ाई की है या फिर पढ़ाया है। उनमें से 28 ब्रिटिश प्रधान मंत्री ; कम से कम 30 अंतर्राष्ट्रीय नेता; 55 नोबेल पुरस्कार विजेता; और 120 ओलंपिक पदक विजेता हैं। इस विजिट के दौरान, चांसलर डॉ. मित्तल ने आपसी सहयोग के अवसरों पर चर्चा करने के लिए उत्तरी आयरलैंड में शीर्ष क्रम के विश्वविद्यालयों में शुमार, क्वीन्स यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया। एक अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत, डॉ मित्तल ने टाइम्स हेडक्वार्टर, लंदन में चीफ नॉलेज ऑफिसर, टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई), श्री फिल बेइटी से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीयकरण, मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग, ग्लोबल इंपैक्ट यूएन एसडीजी हासिल करने, “टाइम्स इवेंट्स” की मेजबानी करने के लिए एलपीयू के “टी एच ई” के साथ सहयोग पर चर्चा हुई। यह विजिट निकट भविष्य में एलपीयू के विद्यार्थियों के लिए बेजोड़ एक्सपोजर और परिवर्तनकारी शैक्षणिक अवसरों को हासिल करने के लिए निश्चित है।