
लाइसेंसी हथियार रखने वालों को मौका
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट :(सतपाल शर्मा,एडिटर) Licensed weapon holders get a chance पंजाब राज्य में इन दिनों उन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने की लहर चल रही है जो लोग लाइसेंसी हथियार सोशल मीडिया पर दिखावे के तौर पर प्रदर्शित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान के आदेश पर लाइसेंसी हथियार रखने वालों को मौका दिया गया है कि वे अपने सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन के वीडियो डिलीट कर दें। इसके बाद फिर से पुलिस कार्यवाही की मुहिम आरंभ होगी। पंजाब के लोग सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार खरीदते हैं एवं बाद में इन्हें दिखावे की वस्तु बनाकर रखते हैं जो कि वर्तमान समय में समाज में बड़ी समस्या बन गई है। आतंकवाद के समय में पंजाब में हथियारों के लाइसेंस दिए जा रहे थे। पंजाब राज्य की सरकार हथियारों के लाइसेंस गांव के बाहर बनी हवेलियों के मालिकों को प्रदान कर रही थी ताकि वे आतंकी हमले के दौरान अपने क्षेत्र की रक्षा कर सकें।
इस साल में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को अपने लाइसेंसी हथियार संबंधित थानों में जमा करवाने का आदेश दिया गया था। चुनाव आयोग ने इस दौरान खुलासा किया था कि राज्य में 3,90,170 लाइसेंसी हथियार हैं।इसके अलावा पुलिस ने चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में अवैध हथियार बरामद किए थे। पंजाब के लोगों को ज्यादातर हथियारों के लाइसेंस आतंकवाद के दौर में जारी किए गए थे।आतंकवाद खत्म होने के बाद यह हथियार पंजाब के लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बन गए।पंजाब में आतंकवाद के बाद शांति तो कायम हुई, लेकिन हथियारों पर गाने बनने लगे और गन कल्चर बढ़ता गया।यह समस्या पिछले दो दशकों में गंभीर रूप धारण कर गई।
पंजाब में चिट्टे का जहर बड़ी कुरीति बन गया है एवं इसके साथ गैंगस्टर संस्कृति को बढ़ावा मिलने से कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती पैदा हुई है। पंजाब के गैंगस्टर पुलिस की ओर से आतंकी गतिविधियों में पकड़े जा रहे हैं। पंजाब राज्य की सरकार की ओर से चलाई गई लाइसेंसी हथियारों के गलत प्रयोग की मुहिम सराहनीय है। सरकार की तरफ से नए लाइसेंस जारी करने पर रोक की आवश्यकता है एवं जिन लोगों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं उन सभी की पुन: जांच करवाने के उपरांत गैर आवश्यक लाइसेंस रद्द किए जाएं। पंजाब सरकार की ओर से उठाए गए कदम महत्वपूर्ण साबित होंगे।