
सौभाग्यवती भव : सदा सुहागन रहो…

आज करवा चौथ है और सुहागनों के लिए बहुत बड़ा दिन है सुहागनें कैसे अपना आज का दिन करें व्यतीत,आओ जान लें, लेकिन उससे पहले थोड़ी करवा चौथ ब्रत की कहानी जान लेते हैं।
इंद्रप्रस्थपुर के एक शहर में एक ब्राह्मण रहता था उसके 7 पुत्र और वीरावती नाम की एक पुत्री थी। इकलौती बेटी होने के कारण वह सभी की बहुत लाडली थी। जब शादी के लायक हुई तो पिता ने उसकी शादी एक ब्राह्मण युवक से कर दी। शादी के बाद वीरावती जब अपने मायके आई हुई थी, उन्ही दिनों के बीच करवा चौथ का व्रत आ गया। वीरावती अपने माता पिता और भाइयों के साथ घर पर ही थ। उसने पहली बार पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा। लेकिन वह भूख प्यास बर्दाश्त नहीं कर स्की और मूर्छित होकर गिर पड़ी। बहन को मूर्छित देख भाइयों ने छलनी में एक दीपक रखकर उसे पेड़ की आड़ से दिखाया,बेहोश हुई वीराबती जब जागी , तो उसे बताया कि चंद्र उदय हो गया है ,छत पर जाकर वह चंद्र दर्शन करले। वीरावती ने चंद्र दर्शन कर पूजा पाठ किया और भोजन करने बैठ गई। पहले कौर में वाला या दूसरे में छींक और तीसरे कौर में उसके ससुराल से बुलावा आ गया। वीरावती ससुराल पहुंची तो देखा कि उसके पति की मौत हो गई है यह देख वह व्याकुल होकर रोने लगी उसकी हालत देखकर इंद्र देवता की पत्नी देवी इंद्राणी सद्भावना देने पहुंची और उसे उसकी भूल का एहसास दिलाया। साथ ही करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल आने वाली चौथ के व्रत करने की सलाह दी। वीरावती ने ऐसा ही किया और व्रत के पुण्य से उसके पति को पुनः जीवनदान मिल गया।
अब बात करते है ब्रत की
सुबह सरगी खाने से पहले सुहाग की थाली सजा लें। इसको अपनी सास या अपनी उम्र से बड़ी महिला को भेंट करें। इसमें सुहाग का समान दातुन , साबुन ,कंगी, रबड़ बैंड, क्रीम, काजल, लिपस्टिक ,बिंदी ,सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां, नेल पेंट, शीशा, मिठाई, सूट और दक्षिणा रखें
सरगी खाने का समय
सरगी तारों की शाम में सुबह 4:30 से 5:30 बजे तक सरगी खाएं , ध्यान रहे कि सूरज निकलने से पहले इसे खत्म करना है। फैनिया फीकी और मीठी ,ज्यादा पानी वाले फल खाएं ,कच्चा नारियल और उसका पानी लें। इसके अलावा जो भी आपका मन करे सुहाग का दुपट्टा लेकर सरगी खाएं।
सोलह श्रृंगार करें
सुबह तैयार होने के बाद जांच लें कि क्या सोलह शृंगार पूरा है। सोलह श्रृंगार में बिंदी, सिंदूर, काजल, एयरिंग, मेहंदी ,नोजपिन, बाजूबंद ,चूड़ियां, हाथ फूल, हार ,कमरबंद, पायल,विशुया, और गजरा। वह महिलाएं जो वर्किंग है सुबह ही पूरे तरीके से तैयार हो सकती हैं और जो होममेकर है वह शाम को पूजा से पहले दोबारा अच्छे से तैयार हो सकती हैं।
अगर आप समय कम होने के कारण मेहंदी नहीं लगा पाई हैं तो इंस्टेंट मेहंदी से ट्रेडिशनल गोलाकार डिजाइन लगाकर शगुन कर सकती हैं। रेडीमेड कीप आसानी से उपलब्ध है।
तैयार होकर आप कैसे टाइम पास कर सकती हैं
आज आपका दिन है ,घर पर परिवार के साथ गेम खेल सकते हैं, जैसे कि कैरम बोर्ड, लूडो , तम्बोला। घर पर अकेले हो तो, मोबाइल पर गेम खेल सकते हैं, टीवी पर फिल्म आदि देख सकते हैं। तैयार होकर फोटोग्राफी और रील बना सकती हैं।
तैयार होने से पहले पूजा की थाली कर लें तैयार
पूजा शाम के लिए तैयार होने से पहले ही पूजा की तैयारी कर ले। ताकि कपड़े और मेकअप बिगड़े नहीं। करवा माता की फोटो को एक चौकी पर सजा कर फूल चढ़ाएं , मिट्टी के करवे में पानी भर कर रखें , करबा नाम मिट्टी का होने के कारण ही पड़ा है। मां को रोली और मौली अर्पित करें। सरगी के समय सजाई गई सुहाग की थाली को बाकी सामान मिला कर पूजा में रखें। घी का दीपक, चावल, मिठाई, फैनी ,मट्ठी कच्चा नारियल, सास का सूट, पैसे जरूर रखें। घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें। कथा पढ़ते और सुनने से पहले हाथ में थोड़े चावल और घास लेकर बैठे। सुनने के बाद करवे में डाल दें। पूजा का मुहूर्त दोपहर 1:३७ मिनट पर पहला मुहूर्त और दूसरा दोपहर 3: 21 मिनट पर और बाद में शाम को 6 :00 के बीच।
रात के खाने की तैयारी, खाना खुद नहीं बना सकते तो बाहर से मंगवाए या बाहर जाकर ही खाना खाएं ,आज के दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल ना करें , जैसे की चाकू, सुई धागे का काम ना करें, कढ़ाई सिलाई भी ना करें। रात को अर्ग देते समय सिर ढककर पारंपरिक गीत गाए या फिर पति के सुख की कामना करते हुए अर्ग दें , पानी पीकर प्रसाद का सेवन करें। ब्रत खोलने के वाद डिनर करके लॉन्ग ड्राइव पर जा सकते हैं या घर पर रहकर भी समय व्यतीत कर सकते हैं।
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सौजन्य : दैनिक भास्कर