
के.एम.वी. द्वारा बिल्डिंग राइटिंग स्किल्स विषय पर पांच दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर एजुकेशनल न्यूज़ ): KMV Inaugurated a five-day faculty development program on the topic ‘Building Writing Skills’ by: डॉ. नाइमा हान, सीनियर कंसलटेंट, लीड्स बैकेट यूनिवर्सिटी, यू.के. हुए प्रतिभागियों के रूबरू देश भर से 150 से भी अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग। भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय के द्वारा समय-समय पर कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रोग्रामों का आयोजन करवाया जाता रहता है जिससे अध्यापन में और अधिक उत्तमता को बढ़ाते हुए शिक्षा के स्तर को ऊपर लेकर जाया जा सके. इस ही संख्या में विद्यालय के पी.जी. डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश के द्वारा बिल्डिंग राइटिंग स्किल्स विषय पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़ किया गया. देश भर की विभिन्न शिक्षा संस्थाओं से 150 से भी अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति वाले इस आयोजन के उद्घाटन सत्र में डॉ. नाइमा हान, सीनियर कंसलटेंट, लीड्स बैकेट यूनिवर्सिटी, यू.के. ने बतौर स्त्रोत वक्ता शिरकत की. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने डॉ. नाइमा तथा समूह प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए मौजूदा दौर में अध्यापन के क्षेत्र में समय की मांग अनुसार अपग्रेडेशन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और इस दिशा में इस प्रोग्राम को बेहद कारगर बताया. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के दौरान प्रतिभागियों के साथ थियोरेटिकल मड्यूलस, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग तथा टास्क असाइनमेंटस सांझा की जांएगी ताकि उन्हें ज्ञान प्रदान करते हुए लेखन की विभिन्न किस्मों के अनुसार कार्य करने के लिए आत्मविश्वास की भावना प्रदान की जा सके. आगे बात करते हुए उन्होंने राइटिंग स्किल्स मौलिक कौशल बताया जो एक अच्छे संचार में बेहद महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने काम-काज के माहौल में अच्छे लेखन तथा बोलने के कौशल की ज़रूरत एवं अहमियत पर भी ज़ोर दिया. शिक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विशाल तजुर्बा रखने वाली डॉ. नाइमा ने अपने संबोधन के दौरान पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा राइटिंग स्किल्स को विकसित करने के बारे में विस्तार से समझाते हुए इसके लिए विषय, भाषा, शब्दावली आदि के बारे में जानकारी दी. अच्छे लेखन के द्वारा प्रभावशाली संचार के लिए उचित शब्दों के चयन के साथ-साथ सही वाक्य सरंचना की अहमियत के बारे में बताने के इलावा उन्होंने अपने विचारों को पेश करने से पहले पाठक की पृष्ठभूमि के बारे में जानने को भी ज़रूरी बताया. इसके अलावा उन्होंने किसी भी लेखन के दौरान योजनाबद्ध तरीके से शब्दों के उपयोग के बारे में भी बताया. इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों के साथ विभिन्न राइटिंग टास्क भी सांझा किए जिन पर काम करते हुए समूह प्रतिभागियों ने विषय के अनुसार शब्दों के सही चुनाव को व्यावहारिक रूप में समझा किसी भी लेखन में व्याकरण के सदुपयोग के महत्व को समझाने के साथ-साथ उन्होंने प्रतिभागियों के द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब भी बेहद सरल ढंग से दिए. मैडम प्रिंसिपल ने प्रोग्राम के पहले दिन विषय की महत्वपूर्ण जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान करने पर डॉ. नाइमा के प्रति आभार व्यक्त किया और साथ ही इस सफल आयोजन के लिए डॉ. मधुमीत, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर तथा अध्यक्षा, अंग्रेज़ी विभाग के साथ-साथ डॉ. शालिनी गुलाटी तथा डॉ. रीना शर्मा के इलावा समूह स्टाफ सदस्यों के द्वारा किए गए प्रयत्नों की भी प्रशंसा की।