आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया आइकोनिक सप्ताह - News 360 Broadcast
आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया आइकोनिक सप्ताह

आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया आइकोनिक सप्ताह

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जिस ट्रेन मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया सफर, 75 वर्ष पूरे होने पर सजाकर स्टेशन से किया रवाना

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देश इस वर्ष आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्‍सव’ मना रहा है । अंग्रेजों ने भारत में रेलवे की शुरूआत अपने व्यावसायिक उपयोग के लिए की थी। स्वतंत्रता आंदोलन में ट्रेनों एवं रेलवे स्टेशनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन से ही एक शहर से दूसरे शहर पहुंचते थे। इस तरह भारतीय रेलवे स्वतंत्रता संग्राम में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है और इस योगदान को उजागर करने के लिए 18-23 जुलाई 2022 तक ‘आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन’ की थीम पर आइकोनिक सप्ताह मनाई गई । देशभर में मनाए गए इस आइकोनिक वीक का समापन आज दिनांक 23 जुलाई, 2022 को माननीय रेलमंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी के द्वारा दिल्ली में किया गया। उत्तर रेलवे फिरोजपुर मंडल में समापन कार्यक्रम के दौरान आज देशभक्ति गीतों, आजादी पर आधारित नुक्कड़ नाटक के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति मंडल की सांस्कृतिक मण्डली द्वारा दी गई।

फिरोजपुर मंडल के अमृतसर तथा खटकड़ कलां झंडाजी रेलवे स्टेशनों पर इस आइकोनिक वीक के दौरान रेल मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत आजादी पर आधारित नुक्कड़ नाटक, स्वतंत्रता संग्राम को दर्शाती वीडियो फिल्म्स जिंगल एवं स्टैंडी (Standee), स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके परिवार को सम्मानित, फोटो प्रदर्शनी, आजादी की रेलगाड़ी सेल्फी पॉइंट, स्टेशनों की सजावट एवं प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किये गए। 23 जुलाई, 2022 को गाड़ी संख्या 12904 डाउन अमृतसर-मुंबई सेंट्रल (फ्रंटियर मेल) को निर्धारित समयानुसार अमृतसर स्टेशन से जयमल सिंह स्वतंत्रता सेनानी जिनकी आयु 101 वर्ष से अधिक है। एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

यह रेलगाड़ी 1928 से लगातार यात्रियों की सेवा प्रदान कर रही है। शुरुआत में यह ट्रेन बॉलार्ड पियर मोल स्टेशन से दिल्ली, बठिंडा, फिरोजपुर, लाहौर होते हुए पेशावर तक जाती थी लेकिन 1930 से यह अमृतसर होते हुए पेशावर जाने लगी। फ्रंटियर मेल भारतीय प्रायद्वीप की पहली ट्रेन थी जिसमें 1934 में वातानुकूलित कोच लगाया गया था। आजादी के बाद इस ट्रेन को अमृतसर से चलाया जाने लगा। फ्रंटियर मेल को औपचारिक रूप से सितंबर 1996 में “गोल्डन टेंपल मेल” का नाम दिया गया। 1919 में फ्रंटियर मेल से बॉम्बे से लाहौर जाते समय राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को पलवल में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी ट्रेन से नेताजी शुभाष चन्द्र बोस पेशावर,काबुल होते हुए जर्मनी गए थे जिसका जिक्र ‘द अनफॉरगॉटन हीरो’ में किया गया है।

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