श्री देवी तालाब मंदिर के पास खुले ठेकों के विरोध में हिन्दू नेताओं ने DC को सौंपा ज्ञापन, शाम को बोखलाए ठेकेदारों ने खाली किया ठेका - News 360 Broadcast
श्री देवी तालाब मंदिर के पास खुले ठेकों के विरोध में हिन्दू नेताओं ने DC को सौंपा ज्ञापन, शाम को बोखलाए ठेकेदारों ने खाली किया ठेका

श्री देवी तालाब मंदिर के पास खुले ठेकों के विरोध में हिन्दू नेताओं ने DC को सौंपा ज्ञापन, शाम को बोखलाए ठेकेदारों ने खाली किया ठेका

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जालंधर:Hindu leaders submitted memorandum to DC in protest against open contracts near Shri Devi Talab Temple, contractors vacated the contract in the evening: जालंधर के विश्व प्रशिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब के मार्ग में बने शराब के ठेके और अहाते खुलने के विरोध में कई धार्मिक संगठन सामने आए हैं। इन ठेकों और अहातों को हटाने के विरोध में इकठे हो कुछ लोगों ने कल सुबह जालंधर के DC को एक शिकायत पत्र सौंपा और शाम तक इसका असर देखने को मिल गया।

जानकारी के अनुसार धार्मिक संगठनों की इस करवाई से बोखलाए शराब के ठेके के मालिक ने शाम को ठेके से सारा सामान खाली करवा दिया और ठेका बंद कर दिया। इस बात से धार्मिक संगठनों में ख़ुशी है लेकिन उनकी यह भी मांग भी है कि जो अहाते भी धार्मिक स्थानों के पास या स्कूल-कॉलेजों के पास खुले हैं वह भी बंद करवाए जाएं। वह सारा सामान गाड़ियों में लोड कर कहीं ले गए।

श्री देवी तालाब मंदिर मार्ग पर बने ठेके के विरोध में उतरे लोग, DC को सौंपा शिकायत पत्र

जालंधर के विश्व प्रशिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब के मार्ग में बने शराब के ठेके और अहाते के विरोध में कई धार्मिक संगठन सामने आए हैं। इस ठेके और अहाते को हटाने के विरोध में इकठे हो कुछ लोगों ने आज जालंधर के DC को एक शिकायत पत्र सौंपा। इस शिकायत पत्र में उन्होंने कहा कि देवी तालाब मंदिर विश्व के 52 शक्तिपीठों में से एक है और रोज यहां भारी मात्रा में देश-विदेश से श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पत्र में उन्होंने कहा कि इस ठेके और अहाते के पास ही कई स्कूल, कॉलेज हैं, जहां बचे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, तो यहां यह सब होना बच्चों के लिए सही नहीं है। उन लोगों ने कहा कि इस एरिया के पास कई प्राचीन और नए धार्मिक स्थल में तो यहां से यह ठेका और अहाता हटाया जाए, ताकि लोगों की धार्मिक भावनाओं को किसी प्रकार की ठेस न पहुंचे।

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