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जालंधर : डीएवी कॉलेज में नए शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मुख्य यजमान के रूप में प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने आहुतियां प्रदान की। हवन यज्ञ का विधिवत आयोजन पंडित बुद्धदेव शास्त्री के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने नए सत्र हेतु स्टाफ व छात्रों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीन संस्कृति है। भारतीय संस्कृति में हवन यज्ञ का अन्यतम महत्त्व स्वीकार गया है। उन्होंने हवन यज्ञ के वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से हवन यज्ञ द्वारा हमारे आसपास हानिकारक वाइरस व बैक्टीरिया नष्ट होते है, जिससे शुद्ध वातावरण होने से रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है।
आध्यात्मिक दृष्टि से हवन यज्ञ मानसिक शांति और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव का प्रतिपादक है। हवन यज्ञ के समय हम विश्व कल्याण की भावना से जुड़ते है। यज्ञ के समय उच्चारित पवित्र मंत्रों से उत्पन्न सद्विचारों से स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। इसीलिए हवन यज्ञ को संसार का सबसे श्रेष्ठ कार्य माना गया है। उन्होंने ओ३म शब्द का आध्यात्मिक महत्व भी बताया। उन्होंने कॉलेज की गौरवशाली परम्परा व उपलब्धियां बताते हुए छात्रों को अनुशासन में रहकर मेहनत से पढ़ने की प्रेरणा दी।
इस शुभ समारोह में वरिष्ठ उप प्राचार्य प्रो. अर्चना ओबेरॉय, उप प्राचार्य डॉ. एस.के. तुली, रजिस्ट्रार डॉ. कुंवर राजीव, स्टाफ सचिव डॉ. दिनेश अरोड़ा, एलएमसी के सदस्य डॉ. नवीन सूद, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, गैर-शिक्षण कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल हुए।