कृषि में पंजाब के पथ पर चला हरियाणा, इजराईल की तकनीक अपनाई
न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (हरियाणा न्यूज़ ): Haryana followed the path of Punjab in agriculture, adopted Israel’s technology : भारत में इजराईल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि गांव गिगनाऊ में इंडो-इजराईल कृषि परियोजना के तहत स्थापित बागवानी का उत्कृष्टता केंद्र दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों के बीच लोकतांत्रिकों संबंधों को भी मजबूती देगा।
राजदूत गिलोन रविवार को लोहारू विधानसभा क्षेत्र के गांव गिगनाऊ में साढ़े 12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार करीब 50 एकड़ भूमि में बने अर्द्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान बहुत मेहनती है। इसी के परिणाम स्वरूप वे भारत में विशेषकर हरियाणा में उत्कृष्ट केंद्रों की स्थापना को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे केंद्रों की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नए संसाधनों का विकसित करना है जिससे किसान खुशहाल हो। उन्होंने कहा कि अब इजराईल की तकनीक व जानकारी भारत में स्थानांतरित व निर्मित की जा रही हैं, जिससे मेक इन इंडिया पहल को और अधिक बढावा मिल रहा है। इस केंद्र के माध्यम से भारत में उत्पादित इजराईल आधारित कृषि तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, ग्रीन हाऊस आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में इंडो-इजराईल तकनीक पर निर्मित बागवानी उत्कृष्टता केंद्रों में गुणवत्ता वाली सब्जी की चार करोड़ से अधिक पौध व गुणवत्ता वाले फलों के पांच लाख पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर हर साल एक लाख 20 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण भी मिल रहा है।
हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि इजराईल एक छोटा सा देश होते हुए भी कृषि व सुरक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में अग्रणी है। आज इस देश की तकनीक को दूसरे देश भी अपना रहे हैं। इजराईल ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर अपने देश को स्वर्ग बनाया है। इजराईल ने पूरी दुनिया को बूंद-बूंद से खेती करने की तकनीक दी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में बागवानी के बजट को 100 गुणा बढ़ाकर 8 करोड़ से 800 करोड़ रुपए कर दिया है। प्रदेश में 500 एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 17 लाख एकड़ भूमि पर बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। गन्नौर में दुनिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी स्थापित की जा रही है, जो 500 एकड़ में होगी, जिस पर ढाई हजार करोड़ की लागत आएगी और इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बागवानी में जोखिम को कम करने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना लागू की गई है, इस योजना के तहत 46 फसलों को कवर किया गया है। इसके अलावा भावांतर भरपाई योजना के तहत 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश में किसानों के लिए सबसे अधिक योजना हरियाणा में लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि गिगनाऊ में बना उत्कृष्ट केंद्र किसानों के साथ-साथ युवाओं के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस सेंटर में अमरूद, बादाम, खजूर, अनार, नासपाती, नींबू वर्गीय फल, बेर, ड्रैगन फू्रट, रेड बल्ड माल्टा, स्ट्राबेरी,अवोकाडो आदि की उत्तम कवालिटी की किस्म तैयार की जाएगी। इस केंद्र से किसानों को उच्च गुणवत्ता की सब्जियों की पौध सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी।
इस हाइटेक ग्रीन हाउस में सब्जियों की 30 से 40 लाख तक पौध को तैयार किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि इसके अलावा फलों की पौध हेतु मदर ब्लॉक तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा 20 एकड़ में खजूर, अनार, अमरुद, बादाम, नाशपाती, निंबू वर्गीय फल, बेर, अनार, ड्रैगन फ्रूट एवं रेड ब्लड माल्टा के पौधों का रोपण किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह मे पहुंचे मध्य प्रदेश के किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि पेस्टीसाईड के प्रयोग से खेती जहरीली होती जा रही है,जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी पैदा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर केंद्र सरकार जहरमुक्त खेती पर जोर दे रही है। इस अवसर पर इजराईली दूतावास के कृषि विशेषज्ञ याएर एशैल , बागवानी के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी ने भी विचार रखे।