एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स में ”फिनिक्स इन फ्लेम्स” पर फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर सर्वदा इसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाल जी की प्रेरणा एवं एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया के निरंतर मार्गदर्शन में विद्यार्थियों की बहुपक्षीय विकास के लिए तो कार्यरत रहता ही है। इसके साथ ही साथ यहां फैकल्टी डैवलपमेंट के लिए भी निरंतर कार्यक्रम होते ही रहते हैं। इसी श्रृंखला में कॉलेज के पीजी डिपार्मेंट आफ इंग्लिश द्वारा डॉक्टर रचना सिंह डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स न्यू दिल्ली जो अब एक लेखिका के रूप में भी स्थापित हो चुकी है।

पुस्तक फिनिक्स इन फ्लेम्स पर चर्चा-परिचर्चा करते हुए फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने उनका अभिनंदन करते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि भावनात्मक उत्साह एवं दिल को छू लेने वाली सहानुभूति के साथ कहानियां रचने वाली ऐसी लेखिका हमारे बीच मौजूद है जो बड़ी सहजता से जनसाधारण महिलाओं के जीवन से सहजता से जुड़ती हैं और उनके मन की असंख्य भावनाओं को कहानियों के माध्यम से बड़ी खूबसूरती से उद्घाटित करने में सक्षम हो जाती है। उन्होंने कहा यह अपने आप में अद्भुत ही है कि इंडियन रिवेन्यू सर्विस से जुड़ी हुई डॉक्टर रचना सिंह कैसे द वाइज़ आउल इ पत्रिका के माध्यम से उभरते कवियों,लेखकों,एवं कलाकारों को स्वच्छंद रूप से उभरने का अवसर भी प्रदान कर रही है और वह लोकसभा के लैंग्वेज पैनल एक्सपर्ट एवं लोकसभा सैक्रटीएट में रिसर्च एसोसिएट के सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने डॉक्टर सिंह की उपलब्धियों के बारे में सभी को रूबरू करवाया। अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ नवजोत दिओल ने उनकी पुस्तक फिनिक्स इन फ्लेमस’ की समीक्षा करते हुए कहा कि इस पुस्तक में रचित कहानियां हमें निराशा से आशा की तरफ ले जाती हैं। डॉ रचना सिंह ने अपनी लेखन यात्रा के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि निःसंदेह मेरे लेखन में साहित्य उत्साह के साथ वित्तीय चतुराई है जिससे मुझे अपने लिए एक अलग पहचान बनाने में मदद मिली है मेरे आलोचक मुझे एक मनमौजी लेखिका कहते हैं जिसे मैं प्रशंसा के रूप में लेती हूं। फिनिक्स इन फ्लेम्स पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पुस्तक में आठ कहानियों के माध्यम से मैं उन आठ महिलाओं के दर्द को बयां करने की कोशिश की है जो अपनी वास्तविक जिंदगी में विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए इससे उभरने का प्रयास करती हैं, पितृत्मक सत्ता में आज भी नारी अनमेल विवाह, छोटी उम्र में विवाह, घरेलू हिंसा, अनचाहे जन्म की संत्रास को झेल रही है, फिनिक्स इन फ्लेम्स उन सभी सामान्य महिलाओं को समर्पित है जो अपनी दृढ़ता और धैर्य के साथ कठिन परिस्थितियों का सामना करके दृढ़ और असाधारण बन जाती है समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली यह महिलाएं अपने दुख और जीवन की प्रतिकूलताओं का मुस्कुराहट के साथ सामना करती हैं और सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बनती हैं, मेरी कहानियां एक तरह से जिंदगी की यथार्थता का काल्पनिक वर्णन है। डॉक्टर रचना सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया ।इंग्लिश विभाग की प्राध्यापिका मैडम जसप्रीत कौर ने श्रेष्ठ मंचसंचालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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