न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)
जालंधर: शहर के पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन के एक क्लब ने पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के तहत “बाजरा के संबंध में जागरूकता” पर एक अतिथि व्याख्यान का सफलतापूर्वक आयोजन किया। व्याख्यान का उद्देश्य उपस्थित लोगों को बाजरा के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में शिक्षित करना और टिकाऊ कृषि में उनके महत्व पर जोर देना था।
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के वनस्पति और पर्यावरण विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. नितिका कपूर ने एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ाने में बाजरा द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजरा ग्लूटेन-मुक्त है, जो उन्हें आहार प्रतिबंध वाले व्यक्तियों और मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त बनाता है।
व्याख्यान में इंटरैक्टिव प्रश्न और उत्तर शामिल थे, जिससे प्रतिभागियों को बाजरा की किस्मों, खाना पकाने के तरीकों और बाजार की उपलब्धता के बारे में पूछताछ करने की अनुमति मिली। इस सहभागिता से उपस्थित लोगों के बीच विषय की गहरी समझ विकसित हुई। इको क्लब की प्रभारी दिव्या बुधिया ने सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए बाजरा को मुख्यधारा के आहार में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित करते हुए उनके जानकारीपूर्ण सत्र के लिए डॉ. नितिका कपूर का आभार व्यक्त किया।
वहीं अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर ने बाजरा खेती से जुड़ी टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता फैलाने में इको क्लब के प्रयासों की सराहना की। डॉ. ज्योति शर्मा ने कार्यक्रम की गरिमामय मेजबानी की। इस आयोजन ने खाद्य उपभोग विकल्पों के संदर्भ में पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया।