बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का हुआ निधन, छठ गीतों से बनाई थी पहचान

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मनोरंजन: त्योहारों के समय मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन स्वर कोकिला के नाम से जानी जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि वे अपनी बीमारी के चलते दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थीं जहां कल उन्होंने अंतिम साँस ली। उनकी मौत से उनके परिवार और फैंस में शोक की लहर फ़ैल गई है। बताया जा रहा है कि शारदा सिन्हा का पार्थिव शव पटना में उनके घर पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है। जहां उनके परिवार के लोग और उनके चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

बिहार की गायिका शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और हिंदी सिनेमा के कई गीतों को अपनी आवाज़ दी हैं। उन्होंने बिहार की चर्चित छठ पूजा के लिए भी कई पारंपरिक गीत गाए हैं। उन्होंने अपने करियर में टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स जैसी प्रमुख संगीत कंपनियों के लिए 62 छठ गीत गाए हैं। उनके गाए गीतों में खासकर ‘उग हो सूरजदेव’, ‘मैंने प्यार किया’, और ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ जैसे गीत बहुत लोकप्रिय हुए हैं। माना जा रहा है कि शारदा सिन्हा का जाना संगीत और खासकर छठ गीतों के जगत के लिए एक बहुत बड़ी हानि है। उनकी कला और गायकी ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई। उनके गाए छठ गीतों ने इस त्योहार को सिर्फ बिहार-झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश में भी लोकप्रिय बना दिया।

बता दें कि शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की और समस्तीपुर के एक कॉलेज में संगीत की प्रोफेसर भी रहीं। कहा जाता है कि गायिका का परिवार भी संगीत से जुड़ा हुआ था। उनके पति ब्रज किशोर सिन्हा का कुछ महीने पहले ही निधन हो गया था। शारदा अपने पीछे दो बच्चे बेटे अंशुमान और बेटी वंदना को छोड़ गईं हैं। शारदा सिन्हा के दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके गाए गीतों के जरिये वे हमेशा लोगों के बीच रहेंगी।

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