न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट
जालंधर: एपीजे सत्या शिक्षण संस्थाएं अपने संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जो प्रख्यात उद्यमी, श्रेष्ठ शिक्षाविद,स्वतंत्रता सेनानी एवं जनहितैषी थे उनकी प्रेरणा, मार्गदर्शन एवं परिकल्पना से निरंतर बुलंदियों को स्पर्श कर रही है। डॉ सत्यपाॅल की इस गौरवशाली विरासत को एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप एवं एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर उनकी सुपुत्री सुषमा पाॅल बर्लिया बड़ी तन्मयता एवं सफलता के साथ आगे बढ़ा रही हैं। “कला प्रदर्शनी का उद्घाटन एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष माननीय सुषमा पॉल बर्लिया ने 2 दिसंबर 2024 को शाम 6:00 बजे अपने करकमलों से किया।
कला प्रदर्शनी के इस महोत्सव में एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप के को प्रमोटर एवं एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर निशांत बर्लिया भी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस पावन अवसर पर एपीजे के एल्युमिनी एवं मुंबई के सुप्रसिद्ध गणमान्य कला प्रेमी अतिथिवृंद नीता महेंद्रा, सीप तनेजा, रिद्धि ढोगरा, कृति गुप्ता, विजय नैय्यर, सुकंठ, स्वरांशी, सुप्रीत, राघव कपूर, एम के वनजारी, वीणा गुलशन, आनंद प्रभुदेसाई, एपीजे एजुकेशन के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी तथा जेजे स्कूल आफ आर्ट मुंबई के छात्रों भी इस कला प्रदर्शनी में विशेष रूप से उपस्थित थे।
एपीजे एजुकेशन निरंतर विभिन्न कलाओं के संरक्षण एवं विकास में अग्रगण्य है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण इसके निर्देशन में कार्यरत वें संस्थाएं हैं जो इस कल्याणकारी कार्य में अपना विशेष योगदान दे रही हैं। एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स, जालंधर, एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी (सोहना, गुरुग्राम) तथा एपीजे इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन, नई दिल्ली विशेष रूप से कलाओं को उन्नत बनाने एवं जन-मन तक उन्हें पहुंचाने में निरंतर प्रयासरत है। एपीजे सत्या आर्ट् फेस्टिवल 2024 क्रिएटिव कैसकेडस में इन संस्थानों विशेष के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों की सृजनात्मक कलाकृतियां मुंबई की “कमलनयन बजाज” आर्ट गैलरी में 2 दिसंबर से 7 दिसंबर 2024 तक प्रदर्शित की गयी हैं।
यह अपनी तरह का पहला ऐसा विभिन्न कलाओं पेंटिंग्स,ड्राइंग, स्कल्पचर्स,टैपस्ट्रीज, टेराकोटाज़,मिक्स मीडिया एवं फोटोग्राफी से युक्त इंद्रधनुष है जो निश्चित रूप से कला प्रेमियों के ध्यान-आकर्षण का केंद्र बनेगा। कलाओं की इस जीवंत आकाशगंगा में उत्कृष्ट कलाकारों द्वारा प्रयुक्त मीडिया के माध्यम से उनकी सतरंगी कल्पना एवं अभिव्यक्ति की मौलिकता के रंगों ने उस प्रदर्शनी में आने वाले दर्शकों को भी सराबोर कर दिया। विभिन्न गहन अर्थों को समाहित किए हुए यह प्रदर्शित कलाकृतियां निश्चित रूप से सहृदय दर्शकों के मन तक अपनी बात पहुंचाने में सफल होंगी। यह कला प्रदर्शनी 2 दिसंबर से 7 दिसंबर तक सुबह 10:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुली रहेगी।