DAV में 85वें दीक्षांत समारोह का हुआ सफल आयोजन

न्यूज़ 360 ब्रॉडकास्ट (जालंधर/एजुकेशन)

जालंधर: शहर के डीएवी कॉलेज में 25 फरवरी को 85वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में डॉ. जतिंदर कौर अरोड़ा, कार्यकारी निदेशक, पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी चंडीगढ़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी श्री सुधीर शर्मा ने शिरकत की। अकादमिक प्रोसेशन के बाद समारोह का शुभारंभ डीएवी गान, दीप प्रज्वलन व वेद मंत्रोच्चारण से हुआ। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, वरिष्ठ उप प्राचार्य प्रो. अर्चना ओबराय, उप प्राचार्य प्रो. दीपक कुंवर, रजिस्ट्रार डॉ. एस. के. तुली, स्टाफ सचिव डॉ. संजीव धवन और एलएमसी सदस्य प्रो. कुंवर राजीव और डॉ. नवीन सूद ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा कॉलेज के पूर्व छात्र कर्नल मनमोहन सिंह को पुष्पगुच्छ, शाल व स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया।

अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने सम्मानित मुख्य अतिथि डॉ. अरोड़ा की उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने डीएवी कॉलेज जालंधर के शानदार इतिहास, शैक्षणिक उत्कृष्टता पर प्रकाश डाला। छात्रों को डीएवी की शिक्षाओं के एम्बेसडर के रूप में मान्यता देते हुए, उन्होंने उनसे वैदिक अवधारणा वसुधैव कुटुंबकम और श्री गुरु गोबिंद सिंह के दर्शन के अनुसार सार्वभौमिक भाईचारे के सिद्धांतों को अपनाने का आग्रह किया। वैदिक परंपरा में दीक्षांत समारोह पर विचार करते हुए उन्होंने सत्य, धर्म, समृद्धि की खोज और माता-पिता और शिक्षकों के प्रति हमारे पवित्र कर्तव्य के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वारा महिला सशक्तीकरण और महात्मा गांधी के कथन “खुद वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं” को भी रेखांकित किया।

सम्मानित अतिथि श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि जीवन की वास्तविक चुनौतियाँ औपचारिक शिक्षा पूरी होने के बाद शुरू होती हैं और छात्रों को साहस और बहादुरी के साथ चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने छात्रों को अपने मातृ संस्थान के विकास के लिए उदारतापूर्वक योगदान देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर कॉलेज संकाय सदस्यों को उनके शैक्षणिक उन्नयन के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इनमें प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, प्रो. पुनीत पुरी, अध्यक्ष, जूलॉजी विभाग और डॉ. अमनदीप कौर सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग को क्रमशः कनाडा और जापान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा डॉ. कंवर दीपक एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल विभाग, डॉ. एस.जे. तलवार एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डॉ. राजीव पुरी एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, डॉ. सीमा एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डॉ. नवीन सूद एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डॉ. मानव अग्रवाल एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, डॉ. आशु बहल एसोसिएट प्रोफेसर, गणित विभाग, डॉ. राजन शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर, पंजाबी विभाग, डॉ. एकजोत कौर सहायक प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, डॉ. रितु पाल सहायक प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, डॉ. कोमल सोनी सहायक प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, डॉ. सवनीत कौर सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, डॉ. ऋषि कुमार सहायक प्रोफेसर, जूलॉजी विभाग, डॉ. सुनील ठाकुर, सहायक प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, डॉ. हिना अरोड़ा सहायक प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग को पीएच.डी. की उपाधि प्राप्ति हेतु विशेष अकादमिक अवॉर्ड प्रदान किए गए। रजिस्ट्रार डॉ. एस. के. तुली ने प्राचार्य से दीक्षांत समारोह आरंभ करने की अनुमति मांग कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।

मुख्य अतिथि डॉ. जतिंदर कौर अरोड़ा ने अपने सम्बोधन में शैक्षणिक उपलब्धियों और आजीवन सीखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन को रोशन करती है। उन्होंने भारत के जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डाला और डॉ. हरगोबिंद खुराना के जीवन के साथ-साथ अपने स्वयं के जीवन के उदाहरणों का हवाला देते हुए स्नातकों को अनिश्चितता से भरे भविष्य हेतु तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया। पंजाब की कृषि शक्ति और उद्यमशीलता की भावना का जिक्र करते हुए उन्होंने छात्रों को पंजाब का एम्बेसडर करार दिया तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में राज्य की क्षमता पर जोर दिया। ग्लोबल वार्मिंग और मातृ मृत्यु दर जैसी चुनौतियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने जलवायु संरक्षण में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला और छात्रों से इन चुनौतियों को अवसरों के रूप में देखने और एक बेहतर दुनिया बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया।

इस समारोह में सत्र 2021-2022 तथा 2022-2023 के लगभग 600 स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में डीन ईएमए डॉ. राजन शर्मा व संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा बुल्ले शाह की प्रसिद्ध काफी “मुंह आई बात ना रेहंदी” की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तत्पश्चात रजिस्ट्रार डॉ. तुली ने प्राचार्य की अनुमति से दीक्षांत समारोह का औपचारिक समापन किया। स्टाफ सचिव डॉ. धवन ने आयोजन की सफलता में योगदान के लिए पूरे संकाय और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” की प्रस्तुति के साथ हुआ। इस अवसर पर श्री कुन्दन लाल अग्रवाल, सदस्य एलएमसी, कॉलेज के पूर्व छात्र श्री जे.सी. जोशी, प्रो एस.के. मिड्ढा प्रिंसिपल डीएवी कॉलेज फिल्लौर, प्रो. अर्चना ओबेरॉय वरिष्ठ उप-प्रिंसिपल, डॉ. कंवर दीपक उप-प्रिंसिपल, प्रो. नरेश कुमार उप-रजिस्ट्रार, सभी संकाय सदस्यों के साथ-साथ सभी विभागों के डीन और प्रमुख इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रो. शरद मनोचा ने मंच संचालन की भूमिका निभाई।

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