आप’ ने अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए सरकारी खजाने को लगाया लाखों का चूना भगवंत मान ने शपथ लेने से पहले ही पार्टी की ”विजय यात्रा” पर सरकारी खजाने से खर्चे लाखों
जालंधर;
आप’ ने अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए सरकारी खजाने को लगाया लाखों का चूना
भगवंत मान ने शपथ लेने से पहले ही पार्टी की ”विजय यात्रा” पर सरकारी खजाने से खर्चे लाखों
जालंधर।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जीत का जश्न मनाने के लिए 13 मार्च को श्री अमृतसर साहिब में “विजय यात्रा” निकाली। जिसमें पार्टी ने पूरे पंजाब के कार्यकर्ताओं को सरकारी बसों से बुलाया ।मानसा निवासी माणिक गोयल द्वारा आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी में आश्चर्यजनक रूप से यह खुलासा हुआ है कि आम आदमी पार्टी की उस ‘विजय यात्रा’ पर पार्टी फंड के बजाए सरकारी खजाने से लाखों रुपये खर्च किए गए। दिल्ली नेतृत्व के लिए लाखों फाइव स्टार होटल के बिल, लाखों की सजावट, सोने की परत वाली तलवारें, फुलकारी आदि से लेकर उस दिन करीब 15 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जबकि बड़ी बात है के उस वक्त मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शपथ भी नहीं ली थी।
गोयल ने कहा, “इन लाखों रुपए जीत के जश्न पर खर्च करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को अमृतसर लाने के लिए सरकारी बसों का इस्तेमाल किया गया, जिसका लाखों रुपए खर्च भी सरकारी खजाने से किया गया। सरकार जवाब देने से भाग रही है।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि श्री अमृतसर साहिब में आयोजित यह “विजय यात्रा” 13 मार्च को आयोजित की गई थी। इस जीत का जश्न मनाने के लिए निकाली गई यात्रा में सरकारी खजाने में से लाखों के बिल लिए गए, फलेक्स बोर्डों से लेकर खाने-पीने की चीजें भी सरकारी खजाने से खर्च की गईं। आरटीआई में ली गई जानकारी के अनुसार, उस दिन पांच सितारा होटल ताज स्वर्ण में रहने और खाने पर ₹1,51,851 खर्च किए गए, ₹4,83,800 दिल्ली नेतृत्व के स्वागत के लिए सड़कों को ताजे फूलों से सजाने के लिए, ₹75,000 स्वागत द्वारा के निर्माण के लिए तंबू और कुर्सियों पर 5,56,424 रुपये, ड्रम पर 54,500 रुपये, फूलों के गुलदस्ते पर 16,800 रुपये, फुलकारी पर 18,000 रुपये, सोने की परत वाली तलवारों पर 34,000 रुपये, फ्लेक्स पर 45,398, फोटोग्राफेर पर 17,500 रुपये आदि खर्च किए गए।
आरटीआई कार्यकर्ता माणिक गोयल ने कहा कि “भगवंत मान सत्ता में आने से पहले कहा करते थे कि जनता का खजाना खाली है और उसका दुरुपयोग किया जाता है ।लेकिन यह चौंकाने वाला है कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले ही उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों के लिए लोगों के पैसे का दुरूपयोग किया। मुझे आश्चर्य है कि किसका इस पैसे का इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों के किसके आदेश पर ये पैसा खर्चा होगा ? जबके तब तक तो भगवंत मान ने शपथ भी ग्रहण नहीं की थी और ये एक पार्टी का जशन प्रोग्राम था ,क्या उन्होंने यह अवैध खर्च करने से पहले एक सेकंड के लिए भी नहीं सोचा? पैसे खर्च करने वाले अधिकारियों को जवाब देना होगा क्योंकि पार्टी के कार्यक्रमों पर यह अवैध खर्च भ्रष्टाचार है।
साथ ही माणिक गोयल ने कहा कि यह आरटीआई मार्च महीने में डीसी अमृतसर को दी गई थी, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, फिर पहली अपील का कोई जवाब नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग को दूसरी अपील पेश की. जिसके बाद पांच महीने बाद यह जवाब मिला। पारदर्शिता की बात करने वाली आप सरकार ने आरटीआई के जवाबों को आसान बनाने की बजाय और संकीर्ण बना दिया है।